अगर रश्मि न होती तो सूर्य भी खुद में जल जाता शायद
प्रकशित जग हुआ और जीवन मिला दोनों की विरक्ति से
छोड़ कर पहुची इस लोक में अंधेरो से लड़ने वो क्यूँ आई
प्रकृति का सन्देश देखो कैसे किरण आगे बढी आसक्ति से
प्रकशित जग हुआ और जीवन मिला दोनों की विरक्ति से
छोड़ कर पहुची इस लोक में अंधेरो से लड़ने वो क्यूँ आई
प्रकृति का सन्देश देखो कैसे किरण आगे बढी आसक्ति से
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आपका स्वागत है , जो आपने अपना बहुमूल्य समय देकर मेरे लेखन को पढ़ा और सुझाव, प्रतिक्रिया एवं आशीर्वाद दिया । आपका ह्रदय से आभार एवं मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए साधुवाद। पुनः आगमन की प्रतीक्षा में ।