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Friday, 20 December 2013

कला और व्यसन का सम्बन्ध ----

कला और व्यसन का सम्बन्ध ----
आज फिर दो विचारको और कलाकारो के बीच ये चिंतन करने के लिए मस्तिष्क की नसो में रक्त की तीव्रता बढ़ गयी । अब तक तो केवल ये ही सुनने में आ रहा है कि कलाकार की मजबूरी है अपनी कला के लिए सिगरेट के कश या दो पैग
अनशन से पहले दिन भी --अखिलेश जी ने कत्थक के गुरु की जो बाते प्रभु नारायण जी के सामने उनके ऑफिस में कही थी वो सब सुन्ना मेरे लिए कठिन था ।
नाम ले लेकर उन्होंने  कभी राजकपूर की बात कही कभी महत्वांकांक्षाओ के बीच झूलतीअदाकार
राज कमल जी फ़िल्म की  बात कर रहे थे --मुझे भी कहा --अनशन पर --समग्र क्रांति ,अंतर्द्वंद ,--नाम भी लिए गए है २-३ महीनो का ही प्रोजेक्ट है --
परन्तु मै --जैसी हूँ  हूँ मै ---मै समझौतो की जिंदगी नहीं जी सकती ------इस लेख को समय निकल कर पूरा करना है ------------क्रमश : 


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आपका स्वागत है , जो आपने अपना बहुमूल्य समय देकर मेरे लेखन को पढ़ा और सुझाव, प्रतिक्रिया एवं आशीर्वाद दिया । आपका ह्रदय से आभार एवं मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए साधुवाद। पुनः आगमन की प्रतीक्षा में ।