मैं ये सोच कर हर गम का कपडा पहनती रही कि फट जाएंगा
कभी आंसुओ को न रोका सोचा चलो सैलाब कुछ घट जाएंगा
मेरे हिस्से में मेरे किस्से में जो समय लिखा है वो कट जाएगा
ये बादल बरस कर कभी तो जीवन के आसमा से हट जाएगा
दिल को जो भी गलत लगता है वो इक दिन तो छट जाएगा ----------
कभी आंसुओ को न रोका सोचा चलो सैलाब कुछ घट जाएंगा
मेरे हिस्से में मेरे किस्से में जो समय लिखा है वो कट जाएगा
ये बादल बरस कर कभी तो जीवन के आसमा से हट जाएगा
दिल को जो भी गलत लगता है वो इक दिन तो छट जाएगा ----------
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आपका स्वागत है , जो आपने अपना बहुमूल्य समय देकर मेरे लेखन को पढ़ा और सुझाव, प्रतिक्रिया एवं आशीर्वाद दिया । आपका ह्रदय से आभार एवं मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए साधुवाद। पुनः आगमन की प्रतीक्षा में ।